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सकारात्मक रहें - स्वस्थ रहें

  • Writer: Medha Bajpai
    Medha Bajpai
  • May 3, 2021
  • 4 min read

विपरीत परिस्थिति में हम अपना मानसिक स्वास्थ्य ठीक कैसे रखें?


मुश्किल का दौर है ऐसे समय में हमें मानसिक रूप से सशक्त और संतुलित रहना, सकारात्मक होना ,तनाव का प्रबंधन करते हुए भावनात्मक स्थिर होना है।

रिसर्च कहती हैं कि अगर मन स्वस्थ है,तो तन स्वस्थ्य होगा। WHO का मानना है की चार में से एक व्यक्ति मानसिक बेचैनी में रहता है। आज मैं covid 19 की परिस्थितियों में बात कर रही हूँ। इस परिस्थिति में मानसिक बीमारियों में 63%- 68% वृद्धिहुई है। रिसर्च मानता है 50% बीमारियां मनोशारीरिक होती है, हमें अपने मनोबल को बढ़ाना है। क्योंकि मनोबल बढ़ता है तो व्यक्ति का शरीर ऐसी प्रतिक्रिया देने लगता है कि वह अपने आपको बेहतर महसूस करता है। एक एंडोर्फिन हार्मोन का सीक्रेशन बढ़ता है। जो उसे खुश महसूस कराता है।

पॉज़िटिव होने के लिए ऐसा क्या करें की हमारा मनोबल बढ़ा रहे।


पॉज़िटिव होना केवल ऊपरी खुशी नहीं है,यह पूरी सोच है ,एक जीने का ढंग है, एटीट्यूड है और इसी से यह भी निश्चित होता है की जीवन में आनेवाली तकलीफों का सामना आप कैसे करते हैं? positive होना संक्रामक होता है और इसे फैलाते रहना होगा l यह एक सतत प्रक्रिया है l





30 सालों तक, 300 से ज्यादा अध्ययन के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर सामने आया है की जीवन में तनावपूर्ण घटनाएं शरीर की इम्युनिटी सिस्टम पर बुरा असर डालती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में इस मेटा डाटा का विश्लेषण प्रकाशित हुआ है। विज्ञान इस बात की पुष्टि कर चुका है कि तनाव अच्छा नहीं है। पर इसमें पॉज़िटिव होने का क्या योगदान है? यह देखा गया है पॉज़िटिव होना तनाव कम करता है। और इससे इम्युनिटी बढ़ती हैl



वर्तमान समय में हम ऐसा क्या करे?


1 विचारों के स्त्रोत को पहचाने

पहले विचार आता है फिर भाव आता है उसके अनुसार ही व्यवहार बदलता हैl अगर positive विचार है तो खुशी का भाव आयेगा और शांति, प्रेम और करुणा का व्यवहार होगा l अगर विचार negative है तो बेचैनी, परेशानी का भाव आएगा। और क्रोध चिड़चिड़ाहट का व्यवहार बदलेगा। हमें विचार के स्रोत को पहचानकर उस पर रोक लगानी होगी।अगर कोई social media, समाचार या कोई व्यक्ति के साथ आप बार बार नकारात्मक महसूस करते हैं तो उन से दूरी बनाना ही ठीक है l


2 हर चीज नकारात्मक नहीं होती।

एक एक बात पर फोकस करके उसका हल निकालें। यदि आर्थिक स्थिति ठीक करना है,या अपना स्वास्थ्य ठीक करना है। या दिनचर्या नियमित करना है। तो पहले उसको ठीक करने की कोशिश करें बाद में दूसरी चीजों पर ध्यान लगाएं।


3 हमारे नियंत्रण में क्या है? और क्या नहीं है?

इसकी स्पष्ट पहचान करें। जो मेरे नियंत्रण में नहीं हैं उसके लिये मेरी ऊर्जा और समय क्यों खराब किया जाये ये सोच रखना चाहिए l

मेरे कार्य, मेरी भावनाओं का प्रबंधन, मेरे निर्णय, और मेरा व्यवहार, यह मेरे नियंत्रण में है। और यही मुझे ठीक करना है। दूसरों का व्यवहार, भूतकाल, अप्रत्याशित आपदा ,दूसरों की सोच, और दूसरों की पसंद पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है। इसलिए हम उस पर न तो कोई टिप्पणी करें, न उसको अपनी सोच में हावी होने दें।


4 अपनी चेतनता रखें और कृतज्ञ रहें

परिस्थितियों के प्रति चेतन रहें, और जो प्राप्त है उसके लिए अनंत चेतना के प्रति कृतज्ञ रहेंl प्राप्त की सूची बनायेंगे तो पता चलेगा की आपके पास कितना कुछ है lयहाँ सूची में केवल भौतिकता ही ना रखें उसके साथ अपनी अभौतिक बातें जैसे अपनी बुद्धि, अपने मित्र, परिवार, अपनी आध्यात्मिक, भावनात्मक शक्ति, प्रकृति को भी शामिल करें। और उसके लिए कृतज्ञ हो l

स्वयं के लिए नरमी बरते। स्वयं के प्रति निष्ठुर लोंगो के ऊपर नकारात्मकता हावी होती है। इसलिए हर गलती हर परेशानी के लिए खुद को जिम्मेदार ना माने ।





5 उम्मीद बनाए रखें।

जीवन की परेशानियों को देखकर सिर्फ हथियार न डाल दें, जीवन से हमेशा उम्मीद रखें। जहाँ जीवन है, वहाँ उम्मीद है। सब कुछ कभी खत्म नहीं होता। हर बुरा समय भी कोई न कोई अवसर लेकरआता है ।हमें उम्मीद और आत्मविश्वास बनाए रखना है।हो सकता है अभी परीक्षा नहीं दे पाये हो या कार्य क्षेत्र में उतना अच्छा नहीं चल रहा हो फिर भी हौसला बनाये रखना है l


6.परिस्थितियों को स्वीकार करें।

उसके आधार पर जीवनशैली बदलें। जैसे अगर अभी हम कोरोना काल में चल रहे हैं, तो हमें यह स्वीकार करना होगा कि हमको बहुत समय तक इन्हीं परिस्थितियों में रहना है।जब परिस्थिति स्वीकार कर लेते हैं तो रास्ते ढूंढने की दिशा में सोच बनती है l

हमको लगातार सोशल डिस्टेंस का पालन करना है। हमे भीड़ कई जगहों पर नहीं जाना है। और अपने सामूहिक उत्सव प्रियता को थोड़ा विराम देना होगा l work from home औरऑनलाइन पढ़ाई को भी स्वीकार करना होगा ।और यह भी की केवल शिकायत नहीं हल की ओर देखना है l शिकायत हमें नकारात्मक करतीं हैं और हल उम्मीद की किरण होते हैं l


7 नजरिया बदले

वर्चुअल और रियल दुनिया का अंतर पहचानें। और अपने समाज और परिवार से हृदय से रिश्ता बनाए। एक जैसी मानसिकता वाले सकारात्मक दोस्तों का समूह बनाकर समाज से जुड़ें। अपने विचार innovative ideas शेयर करें और सामाजिक प्रतिबद्धता स्वीकार करें l मतलब समाज ने हमको क्या दिया कि बजाय हमने समाज को क्या दिया वाली मानसिकता से जुड़ेंl कठिन दौर में अपनी मानवीयता बनाये रखें l


8.विचारों की जकड़न से मुक्त हो

अपना अवलोकन करें। बहुत ज्यादा जिम्मेदारी और नकारात्मकता के बोझ से दबे नहीं।स्वयं के मन का काम करने का समय निकालें। अगर आपको डांस करना अच्छा लगता है या भले बेसुरे हो पर गाना अच्छा लगता है तो करते रहिए बिना ये सोचे की कोई क्या सोचेगा l हंसिये, मुस्कुराए और अपना दिल हल्का करें। कम से कम किसी एक व्यक्ति की मदद जरूर करें। समाज से हमें जो मिला है उसको लौटाने की कोशिश करें । केवल पैसा ही नहीं , करुणा, प्रेम, समय या उदारता जो भी हमें मिला है उसे लौटाने की कोशिश करेl


मायने ये रखता है कि आप जीवन की परेशानियों को देखकर सिर्फ हथियार न डाल दे। जीवन से हमेशा उम्मीद रखें।जीवन किसी लड़ाई में न रुकता है न समाप्त होता है। और ना ही थकता है।

स्टीफन हॉकिंग






 
 
 

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