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डर के आगे जीत है : भाग 2

  • Writer: Medha Bajpai
    Medha Bajpai
  • May 4, 2020
  • 3 min read

ये राह नहीं आसान : लाॅक डाउन में बच्चों की परवरिश


बन्धनों और चारदीवारी से घिरा बचपन अकसर उबाऊ होता है ।

“कितनी बार ऐसा होता है कि सुरक्षित रखने की आड़ में बच्चों को दीवार से घिरे बगीचेमें रखा जाता है और ये बगीचे बच्चों और उनके माता-पिता के लिए कारागार बन गए हैं । - “जाॅन होल्ट



इन बन्धनो की वजह से बच्चों एवं उनके माता-पिता में मानसिक अस्थिरता, चिन्ता, अधीरता और चिड़ चिडापन आने लगता है ।और यदि यह बन्धन किसी कोरोना वायरस के बाद से पैदा हुए आपात स्थिति के कारण हो,जिसमें घर के बड़े और माता पिता मानसिक शारीरिक और आर्थिक परेशानी से तनाव में हो तो स्थिति और भी जटिल हो जाती है ।

मनोविश्लेषक कहते हैं कि यदि माता पिता लगातार तनाव में और परेशान हो तो वही तनाव पूरे घर के जीवन्त माहौल को उदासी पूर्ण कर देता है ।और इसका गहरा और बुरा असर असर बच्चों पर पड़ता है जो उनके आने वालेभविष्य के लिए नुकसानदेह होगा।

और इस अनिश्चितता के समय में जबकि ये लाॅक डाउन और उसका डरावना प्रभाव लम्बे समय तक चलने वाला है तो प्रत्येक माता पिता को नई प्राथमिकताओ के साथ बच्चों की परवरिश की तैयारी कर लेना चाहिए ।

बच्चे अगर स्कूल जाने वाले हो गये हैं तो उनसे संवाद करते रहना है और यह बताना बहुत जरूरी है कि वह समझ जाये की बहुत सी बातें उसके माता-पिता के नियंत्रण में नहीं है ।

बच्चों के परवरिश का कोई तयशुदा पैमाना नहीं होता, न ही कोई आदर्श स्थिति होती है तो क्या करना होगा बच्चों के साथ जबकि बच्चा पूरे समय घर ही रहने वाला है ।


अक्सर घर और परिवार आदर्श ,प्रेम, त्याग सेवा से भरे नहीं होते हैं ।और परिवार के सदस्यों के बीच कुण्ठा, निराशा होने के कारण ज़हर उगलते हुए पीड़ित और दुश्मन बनते जाते हैं ।जहाँ बच्चों का संतुलित रूप से बड़ा हो पाना मुश्किल होता है क्योंकि बच्चे अनुकरण से ज्यादा सीखते हैं ।अतः माता-पिता के तौर पर विचारों का स्थायित्व, सामन्जस्य, विवेक, कौशल, और भावनाओं का सही समय पर सही उपयोग आवश्यक है ।

बच्चों की परवरिश से ज्यादा महत्वपूर्ण और कोई काम नहीं है और यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि समाज और देश के लिए संयत, संतुलित और खुश वयस्क को गढ़ना है ।

रिचर्ड टेंपलर की पुस्तक (The rules of parenting)

के अनुसार उचित परवरिश वह है जिसमें बच्चे अपना भला बुरा समझना सीखें, चुनौतियों से निपट पायें, जीवन का आनंद लें, सम्मान करना और लेना सीखें , विचार शील और शालीन बनें तथा अपनी जायज बात के लिए दृढता से खड़े होना सीख पायें

इस संकट के समय पालक क्या करें :

सबसे पहले तो पालक अपनी सामान्य चेतन अवस्था बना कर सुकून से रहें ।रास्ते में बहुत से असमंजस आयेंगे और लगेगा की परवरिश के मापदंड सही है या नहीं लेकिन कुछ परिणामों केआधार पर मापदंड को प्रमाणित किया जा सकता है ।




· खुश होने दे

बच्चों की भावनाओं का ख्याल रखे,उनकी उन्मुक्तता बचाये रखें, उनके पसंदीदा खेल, वेब सीरीज और दोस्तों के बारे में जानकारी लें।अगर एक से ज्यादा बच्चे हैं तो हर बच्चे के साथ समय बिताने का समय

निश्चित और निर्धारित करें ।

· अनुशासन

मनोविश्लेषक कहते हैं कि बच्चों को अनुशासित करें लेकिन पीछे न पड़े अपने नियम खुद बनाने दे और फिर जब इसे तोड़गे तो स्वयं ही सुधार करेंगे । घरेलू कामों की दिनचर्या में शामिल करे और जड़ों से जोड़े रखें ।

· ऊर्जा का उपयोग

लाॅक डाउन में बच्चों की असीम ऊर्जा का उपयोग होने दे,कमरा साफ करना हो या गार्डन में पानी लगाना या किचिन के काम निपुणता जरूरी नहीं है जितना जरूरी उन कामों में शामिल होना ।

· जीवन के दृष्टि कोण

डर और असुरक्षा को हावी न होने दें । किसी बच्चे की दूसरे से तुलना न करें, किसी एक बच्चे को दिखने, काम या परिणामोंके आधार पर विशिष्ट अनुभव न कराये ।

· जीवन में सबसे अच्छा और सबसे बुरा कुछ नहीं

होता यह सीखने और सिखाने का सबसे अच्छा अवसर है ।

· निर्णय लेने दे

बचपन और किशोरावस्था में जो बच्चे छोटे छोटे निर्णय लेते हैं वो बड़े होकर अपने कैरियर, व्यवसाय, जीवन साथी के चुनाव के समय गंभीर होते हैं और सटीक निर्णय लेते हैं ।

· व्यक्तितव को अभिव्यक्ति चाहिए

बच्चों को अपनी भावनाओं को जाहिर करने की अनुमति होना चाहिए, भले ही वह गुस्सा हो,प्रेम हो,करूणा हो क्योंकि अगर वह अभी ऐसा नहीं करते तो कुंठा से भर जायेगे।

· पालक अपना नजरिया बदले

बच्चों का अपना स्वतंत्र अस्तित्व होता है इसे माता पिता को स्वीकार करना चाहिए ।उनको नियंत्रित न करें, उनके साथ सम्मान से पेश आयें और उनके साथ का आनंद उठाये ।

· चुनौती और जोखिम लेने के लिए तैयार रहें

बच्चों को भावी जीवन के लिए चुनौतियों का सामना करने देना चाहिए, वह आप वाली गलतियों को नहीं दोहराते हैं, वह अपनी गलती करेंगे और उनसे सीखेगे।


· प्रकृति से जोड़े अति भौतिकवादी रहे और थोड़ा आध्यात्मिक होने की कोशिश करें

 
 
 

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